झूठ पानी की तरह होता है सच्ची बातें

 लोग अधिक खुशीं मे नजर

और अधिक दुख मे नमक जरूर लगाते हैं.

लोग उपवास सिर्फ अन्न का करते हैं



जबकि दिल मे जहर

लोभ, लालच, क्रोध, बुरे विचार ही घोलते हैं.

याद रहे तारिफो के पुल के नीचें

हमेशा मतलब की नदी बहती है.


ऊधार दीजिए मगर सोच समझकर

क्योंकि अपने ही पैसे भिखारी की

तरह मागने पडते हैं.

इज्जत किसी इंसान की नहीं होती,




जरूरत की होती है,

जरूरत खत्म, 

इज्जत खत्म!मतलब मे बहुत ज्यादा वजन होता है

तभी तो मतलब के बाद रिश्ते हल्के हो जाते है.


इंसान घर बदलता है,

रिश्ते बदलता है,

दोस्त बदलता है,

मगर फिर भी परेशान रहता है,


क्योंकि वो खुद को नही बदलता.इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज

नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की

नजरें और नियत बदल जाती हैं.

इंसान धन के पीछे तब तक भागता है

जब तक उसका निधन नहीं हो जाता.


किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की

मिसाल उस मक्खी की तरह है जो

सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर




केवल जख्म पर ही बैठती है.

असली मर्द हालातों से लडते हैं और

नकली मर्द घर की स्त्रियों से.


बाप का कारोबार जब से बेटे ने संभाला है

बेटा समझ रहा है उसने बाप को पाला है.

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